उम्मीद तो ये है कि तुझको मैं पा लूँगा। सच तो ये है कि सब कुछ मैं गवां लूँगा। जरूरी तो नहीं कि ये बाज़ी मैं जीत ही जाऊँ। फ़िर भी अपनी किश्मत मैं आज़मा लूँगा। अंजान #किश्मत