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अभी-अभी इक गजल मुकम्मल हुई है तुम्हें देखकर अभी-अभ

अभी-अभी इक गजल मुकम्मल हुई है तुम्हें देखकर
अभी-अभी नूर बरसा है फलक से तुम्हें देखकर !!

अभी-अभी साँसों को मिली है साँसें तुम्हें बाँहों में भरकर
अभी-अभी सोम रस उतरा है भीतर होठों पर होठ रखकर !!

अभी-अभी भर गयी है अँखिया तुम्हें नजरों से सेंककर
अभी-अभी अमृत छलका है तुम्हारी पलकों को चूमकर !! अभी-अभी 

कुछ ऐसे वाक़ये जो लिखें जाने लायक़ हों।
क़लमबंद करें।

#abhiabhi #collab #yqbhaijan 
 #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Bhaijan  #yqdidi #yqbaba #love #life
अभी-अभी इक गजल मुकम्मल हुई है तुम्हें देखकर
अभी-अभी नूर बरसा है फलक से तुम्हें देखकर !!

अभी-अभी साँसों को मिली है साँसें तुम्हें बाँहों में भरकर
अभी-अभी सोम रस उतरा है भीतर होठों पर होठ रखकर !!

अभी-अभी भर गयी है अँखिया तुम्हें नजरों से सेंककर
अभी-अभी अमृत छलका है तुम्हारी पलकों को चूमकर !! अभी-अभी 

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