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आज आयी थी फिर वो बला की खूबसूरत लग रही थी मैं नही

आज आयी थी फिर वो
बला की खूबसूरत लग रही थी
मैं नही देख पाया था उसे
बहाने किसी वो मेरे आयी करीब
औऱ मैं उसे देखता रह गया 
शिकायती लहजा लो आ गए
बड़े अकड़ू हो तुम
जब तक रही पास वो
मैं उसे ताकता रह गया
उठने को जो हुई
नही माना दिल बोल उठा रुको न
बोली इशारों में आती हूं
मेरा मन बेकल से हुआ
खुद को मुझसे रोका न गया
मैं उसे ढूंढता उस तक पहुच  ही गया
फिर इधर उधर की
लेकिन हर बात जैसे मेरी बात
कहती और कहता चला गया
अब जाने की बारी आई
बोली कब तक बैठोगे चलो न
ना कहना बहुत मुश्किल था
वो गयी मैं भी गया
कई कदम भागता चला गया
फिर रुक गए मेरे कदम
और मन मेरा उसकी राह को ताकता चला गया
क्योंकि हमें पता है
इतना ऐहतियात तो हो हमारे -तुम्हारे बीच
कितना यही सोच कर सोचता चला गया

©ranjit Kumar rathour
  फासले जो दरमियां
#बला की खूबसूरत

फासले जो दरमियां #बला की खूबसूरत #शायरी

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