अगर तुम यह जानकर जी रहे हो कि यह सब एक दिन छिन जाएगा और इस छिनने में तुम्हे कोई पीड़ा होने की सम्भावना नही है.. तब तुम सन्यासी हो या वैरागी हो अगर तुम जंगल भाग गए और एक लंगोटी रखली पास और..... एक झोपडी बना ली और तुम्हे डर लगता है कि अगर ये छिनेगी तो मैं इसे छोड़ न पाऊंगा..... और ज़ब मौत आकर लंगोटी मांगेगी तो मेरे हाथ सरलता से खुलेंगे नही तो तुम वहा भी संसारी हो.... ©Parasram Arora सन्यासी और संसारी