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ना जाने क्युं आज‌ भी हमारे देश मे बाल विवाह जिन्दा

ना जाने क्युं आज‌ भी हमारे देश मे बाल विवाह जिन्दा हैं 

full peice in caption उसकी पिछली नींद तो सही तरह से पुरी भी नही हुई थी
और उसकी दूसरी सुबह उसे अँधेरे में धकेल रही थी
जब उसने अपने बापू से कहते सुना
छोरी माहरी सातवी पास छे
काम-काज सारे अच्छे से जाने से
बस आपने माहरा बोझ हल्का कर देना से
माहरी छोरी ने अपना घर बिदा कर ले जाओ
ना जाने क्युं आज‌ भी हमारे देश मे बाल विवाह जिन्दा हैं 

full peice in caption उसकी पिछली नींद तो सही तरह से पुरी भी नही हुई थी
और उसकी दूसरी सुबह उसे अँधेरे में धकेल रही थी
जब उसने अपने बापू से कहते सुना
छोरी माहरी सातवी पास छे
काम-काज सारे अच्छे से जाने से
बस आपने माहरा बोझ हल्का कर देना से
माहरी छोरी ने अपना घर बिदा कर ले जाओ