#ग़ज़ल_غزل: २२८ ------------------------- 1212-1122-1212-22/112 तुम्हारे होंठ पे काला वो ख़ाल अच्छा है कोई भी देखे तो बोले कि माल अच्छा है //१ किसी भी सम्त से आओ कि बोसा ले लूँ मैं तुम्हारी दोनों तरफ़ का ही गाल अच्छा है //२ जो तेरी चाल सी बहके, नज़र वो है प्यारी जो तेरे जिस्म सा महके वो बाल अच्छा है //३ सदाएँ तेरी किसी को भी खींच लेती हैं कि तेरे तर्ज़े सुख़न का कमाल अच्छा है //४ सवाल जिसपे न उट्ठे जवाब वो बेहतर जवाब जिसका नहीं वो सवाल अच्छा है //५ तेरे बग़ैर मज़े कुछ नहीं हैं जन्नत के जो तू हो साथ तो कोई वबाल अच्छा है //६ मैं तेरे पाँव दबाऊँगा रोज़ मिहनत से मुझे तू काम पे कर ले बहाल, अच्छा है //७ कहा जो मैंने इरादा है तुमसे शादी का तो उसने कान में बोला, ख़्याल अच्छा है //८ ऐ 'राज़' इसमें भी कुछ है असर बिरहमन का किसी नजूमी का कहना कि साल अच्छा है //९ #राज़_नवादवी© #LookingDeep