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आज फिर वह चेहरा याद आया, धुंधला-सा चेहरे के सामने

आज फिर वह चेहरा याद आया, धुंधला-सा
चेहरे के सामने धुंध थी या चेहरा धुंधला था याद नहीं
उसी को पापा बुला रही थी मैं
एक हरकत भी नज़र आई कुछ धुंधली-सी
जिसमें मैं कुछ ऊंचाई पर थी
और वह नीचे खड़े नज़र आये कुछ धुंधले-से
जैसे ही उन्होंने मेरी ओर देखा
मैंने छलांग लगा दी बिना कोई सचेत किये
और कूद पड़ी मन में एक अटूट विश्वास लिये
लेकिन उन्होंने मुझे पकड़ लिया उसी विश्वास से
आज एक बार फिर
वह चेहरा और हरकत नज़र आई कुछ धुंधली-सी???

©Bhaरती #धुंधली_सी_याद