वो उसूल जो आज ही के दिन बनाए गए थे, ए हिंद,,, फ़कत सहारा था तेरे खड़े होने तक का,, अफ़सोस,, लोगोने वैसाखी समझ के, तुझे अपाहिज ही मान लिया...!!! #hind