White पुरुष की भावुकता स्त्री के लिये उपहार के समान है जिसे उसे हृदय के अंतस्तल में सजा लेना चाहिये, पुरुष की आँखों से झरते अश्रु स्त्री के लिये अमोल मोती के समान हैं जिसे उसे हथेली की मुट्ठी में सँजो लेना चाहिये, पुरुष की निश्छलता के साथ स्वीकारे गये उसके गुण-अवगुण स्त्री के लिये विश्वास की पराकाष्ठा है जिसे उसे हथेली आगे बढ़ाकर स्वीकार कर लेना चाहिये। ©शिवानी त्रिपाठी #safar