'मीरा' घर संसार में, रिश्ते भए हज़ार। वक्त मुसीबत का पड़े, रुकें कभी ना द्वार। ✍मनजीत शर्मा 'मीरा' #दोहा 'मीरा' घर संसार में, रिश्ते भए हज़ार। वक्त मुसीबत का पड़े, रुकें कभी ना द्वार। ✍मनजीत शर्मा 'मीरा'