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होना क्या है,हम पुरी मुस्तैदी से केस लङेंगे! लेकिन

होना क्या है,हम पुरी मुस्तैदी से केस लङेंगे!
लेकिन सरकार ने तो जानेमाने अधिवक्ता मधुर सहाय को चुना है!राजीव विचलीत होकर बोला!
तो इसमे चिंता की कोई बात नही है!सरकार का नैतीक दाईत्व है कि वो अपना पक्छ दावे के साथ रख्खे!फिर तो यह पहला कदम है!अभी तो हमे बहुत से रुकावटो को झेलना है!त्यागी साहव गंभीर होकर बोले!
यस अंकल,आपका कहना विल्कुल ठीक है!अभी हीं हमने हार मान लिया,तो आगे का डगर काफी मुश्किल होगा!सम्यक ढृढता से बोला!
हां मै यही बोल रहा हूं!आप लोग निश्चिंत होकर आम चुनाव की तैयारी करें!मै कोर्ट की प्रकृआओं को हैंडल कर लुंगा!त्यागी साहव गंभीर होकर बोले!फिर उनलोगो के बीच चुप्पी छा गई!तभी भावना नास्ता और काँफी प्लेट मे सजा कर आ गई!वे लोग नास्ता करने मे व्यस्त हो गए!
                  भारतीय संविधान के अनुसार चुनाव प्रकृया और तिथि का घोषना हो गया!सभी राजनैतीक दल अपने अपने अभियान मे लग गए!राजीव ने भी कमर कस लिया था!साथ हीं ऐसी हस्तीयां भी थी,जो कि राजीव को पर्दे के पीछे से सपोर्ट कर रही थी!हलचल ऐसा हुआ कि भारत के बरे भु भाग मे राजीव के समर्थको का विशाल झुंड बन गया!
                   राजीव,सम्यक,निखील और भावना भारत के अलग अलग छेत्रो मे जाकर चुनावी शभा करने लगे!राजीव ने अपने पार्टी के तरफ से दो सौ उम्मीदवार को मैदान मे उतारा था!उसके वाकपटुता के कारण न्युज चैनल बाले उसे ज्यादा कवर कर रहे थे!चुवाव का दिन ज्यों ज्यो नजदीक आता जा रहा था!राजनैतीक दलो की वेचैनी भी बढती जा रही थी!
                                दिन भर की भागदौर से जब राजीव देर रात होटल मे लौटता था!तो दो काम जरुर करता था!एक तो वो मम्मी पापा का हाल चाल जान लेता था!फिर वो सान्या के साथ बातें करने मे लग जाता था!दिन भर उसने जो किया,उसे बतलाता था!फिर प्यार की पेंगे बढने लगती थी!लेकिन मिलन की प्यास फोन काँल से कैसे बुझे!फिर रह जाते थे दोनो तरपते हुए!रात का का आलम यु ही गुजङ जाता था!

होना क्या है,हम पुरी मुस्तैदी से केस लङेंगे! लेकिन सरकार ने तो जानेमाने अधिवक्ता मधुर सहाय को चुना है!राजीव विचलीत होकर बोला! तो इसमे चिंता की कोई बात नही है!सरकार का नैतीक दाईत्व है कि वो अपना पक्छ दावे के साथ रख्खे!फिर तो यह पहला कदम है!अभी तो हमे बहुत से रुकावटो को झेलना है!त्यागी साहव गंभीर होकर बोले! यस अंकल,आपका कहना विल्कुल ठीक है!अभी हीं हमने हार मान लिया,तो आगे का डगर काफी मुश्किल होगा!सम्यक ढृढता से बोला! हां मै यही बोल रहा हूं!आप लोग निश्चिंत होकर आम चुनाव की तैयारी करें!मै कोर्ट की प्रकृआओं को हैंडल कर लुंगा!त्यागी साहव गंभीर होकर बोले!फिर उनलोगो के बीच चुप्पी छा गई!तभी भावना नास्ता और काँफी प्लेट मे सजा कर आ गई!वे लोग नास्ता करने मे व्यस्त हो गए!                   भारतीय संविधान के अनुसार चुनाव प्रकृया और तिथि का घोषना हो गया!सभी राजनैतीक दल अपने अपने अभियान मे लग गए!राजीव ने भी कमर कस लिया था!साथ हीं ऐसी हस्तीयां भी थी,जो कि राजीव को पर्दे के पीछे से सपोर्ट कर रही थी!हलचल ऐसा हुआ कि भारत के बरे भु भाग मे राजीव के समर्थको का विशाल झुंड बन गया!                    राजीव,सम्यक,निखील और भावना भारत के अलग अलग छेत्रो मे जाकर चुनावी शभा करने लगे!राजीव ने अपने पार्टी के तरफ से दो सौ उम्मीदवार को मैदान मे उतारा था!उसके वाकपटुता के कारण न्युज चैनल बाले उसे ज्यादा कवर कर रहे थे!चुवाव का दिन ज्यों ज्यो नजदीक आता जा रहा था!राजनैतीक दलो की वेचैनी भी बढती जा रही थी!                                 दिन भर की भागदौर से जब राजीव देर रात होटल मे लौटता था!तो दो काम जरुर करता था!एक तो वो मम्मी पापा का हाल चाल जान लेता था!फिर वो सान्या के साथ बातें करने मे लग जाता था!दिन भर उसने जो किया,उसे बतलाता था!फिर प्यार की पेंगे बढने लगती थी!लेकिन मिलन की प्यास फोन काँल से कैसे बुझे!फिर रह जाते थे दोनो तरपते हुए!रात का का आलम यु ही गुजङ जाता था!

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