हमने भी मुकम्मल वफा का रास्ता छोड़ दिया, खड़ी रही मोहब्बत गली में हमने मुंह मोड़ लिया, महज दो वादों से जुड़ी थी मोहब्बत की डोर, एक तुमने पास रहकर तोड़ दिया एक हमने दूर जाकर तोड़ दिया धागा