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कभी तो नज़रिया ठीक करो न‌ जाने कितने नजारे बरसेंग

 कभी तो नज़रिया ठीक करो
न‌ जाने कितने नजारे बरसेंगे
जो हैं जितने भी तुम्हारे पराये
वो फिर से तुम्हारे हो जाएंगे।

©Balwant Mehta
  #viewpoint #नजरिया