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तू रणभूमि में खड़ा रक्षक है, मेरा प्रहरी, शत्रु भक

 तू रणभूमि में खड़ा रक्षक है,
मेरा प्रहरी, शत्रु भक्षक है,
नतमस्तक हो शीश झुकाऊं,
मैं एक दीप तेरे नाम का जलाऊं ,

तू चल रहा, हल सा खेत में,
या बैठा ले दीपक वृद्धा के भेष में,
ना हूं संतान तेरी, फिर भी तुझ में मिल जाऊं,
 तू रणभूमि में खड़ा रक्षक है,
मेरा प्रहरी, शत्रु भक्षक है,
नतमस्तक हो शीश झुकाऊं,
मैं एक दीप तेरे नाम का जलाऊं ,

तू चल रहा, हल सा खेत में,
या बैठा ले दीपक वृद्धा के भेष में,
ना हूं संतान तेरी, फिर भी तुझ में मिल जाऊं,