टूट के बिखरना सबक बन गया, जैसे मैं कोई रहगुजर बन गया, रास्ते हजार फुट निकले मुझसे, जैसे मैं पूरा शहर हो गया, आंधियाँ आई बहुत जोड़ों की, मैं फिर शजर की तरह सबल हो गया, और नुक्स निकलने वालों ने, हज़ार नुक्स निकले, कहते है पेड़ो के कारण ही, यह एक जंगल हो गया। टूट के बिखरना सबक बन गया, जैसे मैं एक कोई रहगुजर बन गया, रास्ते हजार फुट निकले मुझसे, जैसे मैं पूरा शहर हो गया, आंधियाँ आई बहुत जोड़ों की, मैं फिर शजर की तरह सबल हो गया,