आपत्ति - क्यों है तुम्हें जब कोई माँ कराती है भ्रूण टेस्ट या अबॉर्शन विवश होती है वह / मिटा देने को अपनी ही बेटी का अस्तित्व अपनी कोख में! क्या इसलिए कि/ जब वह जन्म देती है बेटी को तुम्हारे भीतर का 'दानव' / होता है पुलकित ? हिचकोले मारने लगती है हवस तुम्हारी ? क्योंकि - कल को यही करेगी तृप्त तुम्हारे जिस्म की अग्नि ज्वाला को ? परोसेगी स्वयं को/तुम्हारे हवाले बिस्तर पर होगा - गर्मागर्म गोश्त उसका....? छोड़ दो अब ये/ दीवारों पर लम्बी लम्बी लाईने या चेतावनी लिखना - कि भ्रूण टेस्ट/ भ्रूण हत्या है कानूनन अपराध करा लेने दो - बेबस/ लाचार माँ को 'अबॉर्शन' /ताकि जन्म से पूर्व कर सके वह अपने हाथों सूनी - अपनी कोख खात्मा हो जाए गर्भ में ही 'बेटी' रूपी अभिशाप का फिर रह सके वह निस्संकोच सुखी जीवन भर। ? ....और बचा रह सके - समाज बेटियों के सरेआम बलात्कार/हत्या/ आबरू की लूटमार से न हो कोहराम - देश में बेटियों के 'चीरहरण' का फिर कभी...??? -मोहम्मद मुमताज़ हसन #असुरक्षित बेटियां #Stoprape