★करने को शायद, कुछ बात बाकी है★ चौथा पहर,हल्का बिखरता उजाला लगता है फिर भी,सारी रात बाकी है। नींद गायब,मन बेचैन, थमती सांसे करने को शायद, कुछ बात बाकी है।। आज दूनिया के रंग, लग रहे बेरंग बिखरते अरमानो का, साथ बाकी है। उम्मीदों से पल पल उलझती जिंदगानी में करने को शायद, कुछ बात बाकी है।। कोई माने ना माने, एक घुटन है अजीब सी इस चुभती घुटन से मुलाकात बाकी है। समझ लेना फिर भी,अगर कह ना पाउ करने को शायद, कुछ बात बाकी है।। करने को शायद, कुछ बात बाकी है चौथा पहर,हल्का बिखरता उजाला लगता है फिर भी,सारी रात बाकी है। नींद गायब,मन बेचैन, थमती सांसे करने को शायद, कुछ बात बाकी है।। आज दूनिया के रंग, लग रहे बेरंग