ग़ज़ल जब मैंने उससे मोहब्बत की तो मजा आ गया, बदले में उसने सोहबत दी तो मजा आ गया। वैसे तो यह मुकाम पाना बहुत मुश्किल था यारो, मगर क्या खूब मेरी किस्मत थी तो मजा आ गया। तड़प रहा था यही ख्वाहिश लेकर अरसो से में, जब खुदा ने मुझे इनायत दी तो मजा आ गया। इश्क़ मुकम्मल होना कोई मामूली बात नहीं है, जब उसने मुझे अहमियत दी तो मजा आ गया। पशोपेश में है राही की यह सब कैसे हो गया, उसने इश्क़ की अदा-ए-कीमत की तो मजा आ गया। #virtuallove