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मेरी शांति चंद कागज़ों के बोझ से दबी है, कई वर्षों

मेरी शांति चंद कागज़ों के बोझ से दबी है,
कई वर्षों से मेरा घर भी लगता अजनबी है,
मां बाप भाई बहन सारे रिश्तों से मन अनजाना है,
मुझे फिर से बचपन जीने घर जाना है।

मुझे फिर से वो बीते साल वापस मुट्ठी में चाहिए,
बचपन की शैतानियों को बस एक घुट्टी चाहिए,
मुझे रूठे हुए उन लम्हों को फिर से मनाना है,
हा मुझे लौट के वापस अपने घर जाना है।

अपने अस्तित्व का मैं युग्म बना के सबको दिखता हूं,
दिल में जो भी हो होटों में मुस्कुराहट सजाता हूं,
बड़े दिनों के बाद आज मुझे अपनों को पाना है,
हा मुझे अपनो का प्यार पाने वापस घर जाना है। घर जाना है

दिल बच्चे की तरह तड़प उठा है उनका जो घर से दूर हैं। इस एहसास को क़लम बंद करें।

#घरजानाहै
#collab 
#yqdidi    #YourQuoteAndMine
Collaborating with  YourQuote Didi
मेरी शांति चंद कागज़ों के बोझ से दबी है,
कई वर्षों से मेरा घर भी लगता अजनबी है,
मां बाप भाई बहन सारे रिश्तों से मन अनजाना है,
मुझे फिर से बचपन जीने घर जाना है।

मुझे फिर से वो बीते साल वापस मुट्ठी में चाहिए,
बचपन की शैतानियों को बस एक घुट्टी चाहिए,
मुझे रूठे हुए उन लम्हों को फिर से मनाना है,
हा मुझे लौट के वापस अपने घर जाना है।

अपने अस्तित्व का मैं युग्म बना के सबको दिखता हूं,
दिल में जो भी हो होटों में मुस्कुराहट सजाता हूं,
बड़े दिनों के बाद आज मुझे अपनों को पाना है,
हा मुझे अपनो का प्यार पाने वापस घर जाना है। घर जाना है

दिल बच्चे की तरह तड़प उठा है उनका जो घर से दूर हैं। इस एहसास को क़लम बंद करें।

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