बदलाती है जींदगी का छोर कभी चकोर तो कभी पतंग, कौन खिचेगा पतंग हमारी ओर, किसको दे दुं हमारी डोर... येसे अकेले कैसे ना किसी की फर्माईश लिखते, बातें सुनना हमारीं कोई ना क्यु चाहें... विश्वाह तो खुब रख लिया बस जमाना नहीं मानता, कलम ही ऐसा एक और क्या लिखेगा... गपशप करें बस कोई क्यु ना चाहें, नफरत मुझझे या मेरे शब्दोसे... ऐसे किसी को क्या कहें कोई तैयार नहीं सुनना, ना सच्चा दोस्त भी बुरे वक्त का ना कोई सहारा... चल रहीं जींदगी खिचती क्यु ऐसे आउंगा पिछे पिछे, भरोसा सब पर बस शब्द अधुरे... जातें जाते हात फैला देना रास्ता बहोत दुर है, आई हमारी याद कभी देखना एक बार शब्द मेरे... लिखेंगे और कुछ यहीं तो पढ लेना, अच्छा लगे शब्द हमारे तो खुब कहना... ©Writer😉 T!!लु🤓 Hellow writers 🙌🙏🙏🙌 #writer✍ #writerhindi #STORY_CREATOR #New