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तुम्हे चाहा बहुत जानां, कभी मैं कह नहीं पाया, मगर

तुम्हे चाहा बहुत जानां, कभी मैं कह नहीं पाया,
मगर मैं आज कहता हूँ, बनोगी जान क्या मेरी? कहते हैं फरवरी के ये सात दिन, मुहब्बत के सात दिन होते हैं। यूँ तो मुहब्बत का कोई दिन नहीं होता, मगर हर दिन मुहब्बत होती है।

तो दस्तूर के नाते, पहली बार मैं एक सीरीज़ ले कर आ रहा हूँ, इन सात दिनों के लिए। हर दिन का एक शेर होगा। और मुहब्बत के नाम होगा। तो आइए देखते हैं आज के दिन का शेर।

इस सिरीज़ के शेर पढ़ने के लिए आपको उसे करना होगा ये हैशटैग

#Valentines_Week_Series_Ikraash
तुम्हे चाहा बहुत जानां, कभी मैं कह नहीं पाया,
मगर मैं आज कहता हूँ, बनोगी जान क्या मेरी? कहते हैं फरवरी के ये सात दिन, मुहब्बत के सात दिन होते हैं। यूँ तो मुहब्बत का कोई दिन नहीं होता, मगर हर दिन मुहब्बत होती है।

तो दस्तूर के नाते, पहली बार मैं एक सीरीज़ ले कर आ रहा हूँ, इन सात दिनों के लिए। हर दिन का एक शेर होगा। और मुहब्बत के नाम होगा। तो आइए देखते हैं आज के दिन का शेर।

इस सिरीज़ के शेर पढ़ने के लिए आपको उसे करना होगा ये हैशटैग

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