कैसे करूँ स्वागत 2021 का अभी भी करोना का रोना हैं सब सामान्य सा हैं पर भय अभी भी बना है भैक्सीन तो अभी भी नही बना है गम कैसे कम हो जब जीवन का पहिया पटरी से ही उतर गई जान तो जान जीने का साधन भी छिन्न गई नुकसान की कोई हद नही सबने इसका मार झेला हैं सब बेवश रहने को अकेला हैं जंहा झुंडों का मेला हैं कैसे करूँ स्वागत 2021 का अभी भी करोना का रोना हैं। ©Arun kr. #2021 #2021