चिंगारी मन में उठे थे कुछ़ सवाल उसका जवाब हैं चिंगारी, बिना बात या वज़ह के नहीं होते है कहीं कोई हंगामें। जैसी सोच रखोगे वैसा ही परिणाम देगी यह चिंगारी, नहीं करते लोग यहाँ ऐसे ही नएँ नएँ रोज़ कारनामें। जलती भी है और जलाती भी है ऐसी है यह चिंगारी, अब आप दोस्त बनो या बनो दुश्मन इस ख़ुद़गर्जं जमानें में।