White कुनबे का सरदार है तू, लाखों दिल का प्यार है तू, गज़ल कही है रूमानी, धड़कन की झंकार है तू, दिखलाई दे दूर तलक, ताक़तवर मीनार है तू, करे सुरक्षा सरहद की, इक अभेद्य दीवार है तू, प्यास बुझाए प्यासों की, मीठा जल रसधार है तू, तप्त धरा का जनजीवन, सावन माह फुहार है तू, 'गुंजन' रब से वाबस्ता, फसलों का श्रृंगार है तू, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ• प्र• ©Shashi Bhushan Mishra #फसलों का श्रृंगार है तू#