मैने अपनी शान शौकत नौकर चाकर इज़्ज़त और दौलत सबसे आज पीछा छुड़ा लिया हैँ पर ये सब एक दिखावे से ज्यादा कुछ नहीं था मैं लोगो की नज़र मे अपने को ऊंचा उठाना चाहता था मै अपने कपट जाल से लोगो की आँख मे धूल झोंकना चाहता था इंसाफ सचाई और शील की डुगडुगी पीट कर मै एक मुक़्क़मल पैगंबर बन कर लोगो . मे अपनी छवि को एक ऊंचाई देना चाहता था ऊंचाई....... छल....