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क्या गुनाह था मेरा, क्या ख़ता थी मेरी जो तुमने मुझ

क्या गुनाह था मेरा, क्या ख़ता थी मेरी
जो तुमने मुझसे है नज़र फेरी।
बता तो देते इस पागल दिल को,
फुसला तो देते इस आवारे मन को,
जो कहता फिरता तू जहां है मेरी....।

-ashish dwivedi

©Bazirao Ashish #आवारादिल
क्या गुनाह था मेरा, क्या ख़ता थी मेरी
जो तुमने मुझसे है नज़र फेरी।
बता तो देते इस पागल दिल को,
फुसला तो देते इस आवारे मन को,
जो कहता फिरता तू जहां है मेरी....।

-ashish dwivedi

©Bazirao Ashish #आवारादिल