संताप हमारी संतति है बड़ी मेहनत लगती है तब जाकर वो पैदा होता है बीस साल पहले दीं गई गली अभी तक सम्भली है.. एक धरोहर की तरह पड़ी है अभी भी यादे करो तो नथुने फड़कने लगते हैँ घाव को कभी हम भरने नहीं देते उसे कुरेदते रहते है आये दिन ताकि घाव का हरापन टिका रहे जरा सी चोट से समझ हमारी बिखर जाती है अभी तो बात बड़ी छोटी है क्या करोगे ज़ब मृत्यु तुम्हे बुलावा भेजेगी और तुम कुछ भी कर न पाओगे ©Parasram Arora #संताप हमारी संतति है