यादों में तुम,अल्फाजों में तुम, मेरी डायरी के पन्नों में तुम, मेरी कायनात में तुम, और दिन के हर एक पहर में तुम। करता हूंँ जहांँ मैं बातें, वहांँ जिक्र होता है तेरा, मेरे एक एक शब्द की गहराइयों में, छुपा हुआ है तेरा ही एहसास। मेरा सूरज भी तू, मेरा चाँद भी तू, खिलती हुई धूप भी तुम, बिखरती हुई हसीन चाँदनी भी तुम। मेरी खुशी भी तुम, मेरे जीने की वज़ह भी तुम, मेरी जिंदगी भी तुम, और जिंदगी की साँसे भी तुम। -Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-986 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।