तन्हाई मेरी ले लो, या खामोश कर दो, जुदा हो कर ये रिश्ता खत्म करो, या मिलो मुझसे और मुकम्मल किताब कर दो, यूं तिल तिल कर मत तरापाओ मुझे, खंजर लाओ और दिल के पार कर दो, तंग आ गया हूं खुद की ही यादों से मै, ख़्वाबों में आओ मेरे और मुझे अपना कर लो, मोहब्बत कितनी है मुझसे ये फ़िज़ूल है, तुम एक ज़ख्म और मेरे नाम कर दो, प्यार की कस्तियां बहुत दूर चली आयी है, तुम लौट आने के लिए कोई और नाव ले लो, थम गई है अब ये लड़ाई हमारे दरमियां, वफ़ा किसकी कितनी है ये तुम खुदा से पूछ लो, और ये बेवफ़ाई की बातें छोड़ो, बस मुझे मेरा दिल वापस कर दो। मेरा दिल वापस कर दो... तन्हाई मेरी ले लो, या खामोश कर दो, जुदा हो कर ये रिश्ता खत्म करो, या मिलो मुझसे और मुकम्मल किताब कर दो, यूं तिल तिल कर मत तरापाओ मुझे, खंजर लाओ और दिल के पार कर दो,