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सवाल हैं मेरा इस समाज के मर्द से....... हो अगर तु

सवाल हैं मेरा इस समाज के मर्द से....... 
हो अगर तुम सर बरा हमारे तोह क्यो बदनाम करते हो.... 
हो अगर तुम हमारे रक्षक तोह हम पर बंदिशें लगा कर तुम खुले में फिरते हो.... 
हो अगर तुम इतने काबिल तोह हमें पढ़ने से रोक खुद बेरिस्टर बने फिरते हो.....
अपने ही कानून बनाये अपने ही नियम और खुद में भगवान बने फिरते हो....
औरत को खिलौना और खुद खिलाडी बने फिरते हो..... 
कैसी मर्दांगी पर तुम घमण्ड करते हो.... 
औरत को जिस्म की भूख मिटाने का सामान समझते हो... 
खुद नकाबिल होकर औरत की काबिलियत को दबाते फिरते हो.... 
खुद की मार्दंगी की ताल ठोकते हो.....
हमें बदनामी का सामान समझते हो......

©Aradhya ehsaas e zindagi #mardangi 

#lookingforhope
सवाल हैं मेरा इस समाज के मर्द से....... 
हो अगर तुम सर बरा हमारे तोह क्यो बदनाम करते हो.... 
हो अगर तुम हमारे रक्षक तोह हम पर बंदिशें लगा कर तुम खुले में फिरते हो.... 
हो अगर तुम इतने काबिल तोह हमें पढ़ने से रोक खुद बेरिस्टर बने फिरते हो.....
अपने ही कानून बनाये अपने ही नियम और खुद में भगवान बने फिरते हो....
औरत को खिलौना और खुद खिलाडी बने फिरते हो..... 
कैसी मर्दांगी पर तुम घमण्ड करते हो.... 
औरत को जिस्म की भूख मिटाने का सामान समझते हो... 
खुद नकाबिल होकर औरत की काबिलियत को दबाते फिरते हो.... 
खुद की मार्दंगी की ताल ठोकते हो.....
हमें बदनामी का सामान समझते हो......

©Aradhya ehsaas e zindagi #mardangi 

#lookingforhope