सोचता हूँ अपनी मुस्कराहट अपनी मुट्ठी मे कस लू औऱ बचा कर रखू उसे उन क्षणों के लिए ज़ब कभी उदासी की लक्ष्मण रेखा मे मैं खुद को घिरा हुआ पाऊ उदासी की लक्ष्मण रेखा