दिल ए नादान को ,मैं समझाता क्या । टुकडों मे बीते वक्त का हाल बतलाता क्या ।। जो लगता था हाल ए तबियत अच्छी है मेरी । तो हाल ए दिल किसी को मैं,बतलाता क्या...।। ✍️राज सिद्धि दिल ए नादान को ,मैं समझाता क्या । टुकडों मे बीते वक्त का हाल बतलाता क्या ।। जो लगता था हाल ए तबियत अच्छी है मेरी । तो हाल ए दिल किसी को मैं,बतलाता क्या...।। ✍️राज सिद्धि