periods माहवारी में जब पहला -सा वो दर्द हुआ होगा । न जाने कितना दर्द उसने. अकेले ही सहा होगा। देखकर उस लाल रंग को बिस्तर पर वो ठहर गई होगी उस खून को देखकर अंदर. - ही अंदर सहम गई होगी । आज से ही पाबंदियों का टोक२ा उसके सर सरका दिया होगा। फ्रॉक पहनने , आचार रवाने , रस्सी कूदने जैसी चीजो से उसका नाता तोड दिया होगा। बड़ी हो गई हो तुम अब ये ताने उसके नाम कर दिए जाएंगे । उसके छोटे से सहमें हुए दिल पर तानो के खंजर अव २ोज चलाएँ जाएंगे। कुछ रोज के लिए २ोईगी वो, कोसेगी खुद को, कई सवाल भी उठाएंगी । पर यही धर्म है लडकी होने का वो धीरे धीरे खुद ही समझ जाएंगी। संस्कारो की आड में कुरितियां भी अपना काम कर जाएंगी माहवारी में मंदिर मस्जिदो में निषेध है औरते यह बात भी उसे समझा दी जाएगी । इन कुरीतियो से अब समाज को हटना होगा देश की महिलाओ को अब माहवारी पर अपना पक्ष २खना होगा। #periods