चलो अच्छा हुआ वो अजनबी थे अजनबी ही रह गये दिल में जो भी था वो सब साफ साफ कह गये कौन समझाता उन्हे ये ज़िन्दगी के कडुये शब्द बंद किताबों में हम थे बिन पढे ही रह गये #आलोक सिंह #गुमशुदा