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कब तक भाग्य और आश मे अपने को लगाये बैठे रहोगे । अ

कब तक भाग्य और आश मे अपने को लगाये बैठे रहोगे । 
अपना लो कर्म और मेहनत को हर पल जीवन मे खुशी पाओगे। 

चिड़िया हर रोज अपने भोजन कें लिये घूमती रहती है । 
कभी मिलता है तो कभी ख़ाली वापस आ जाती है । 

सीढ़ी चढ़-चढ़ कर ऊपरी मंजिल तक पहुँच जाते है । 
फिर क्यो नही धीरे-धीरे चल कर सफल हो सकते है । 

क्यो अपने को कमजोर और समय गवातें रहते हो ।
लगा लेते है अपनी मेहनत जीवन सफल बना लेते है।             ©अतुल कुमार मिश्रा प्रेरणादायक ।
कब तक भाग्य और आश मे अपने को लगाये बैठे रहोगे । 
अपना लो कर्म और मेहनत को हर पल जीवन मे खुशी पाओगे। 

चिड़िया हर रोज अपने भोजन कें लिये घूमती रहती है । 
कभी मिलता है तो कभी ख़ाली वापस आ जाती है । 

सीढ़ी चढ़-चढ़ कर ऊपरी मंजिल तक पहुँच जाते है । 
फिर क्यो नही धीरे-धीरे चल कर सफल हो सकते है । 

क्यो अपने को कमजोर और समय गवातें रहते हो ।
लगा लेते है अपनी मेहनत जीवन सफल बना लेते है।             ©अतुल कुमार मिश्रा प्रेरणादायक ।