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अपने जो अपने हों, नहीं मन में हो कोई भेद, दुखसुख म

अपने जो अपने हों, नहीं मन में हो कोई भेद,
दुखसुख में रहे सदा,आत्मीयता से अभिभूत,
अपनों के लिए चित्त की चिंता ,मन की व्याकुलता,
यही परिवार की विशेषता ,यही परिवार की सुंदरता ।

©Dayal "दीप, Goswami.. mannu nagar