मानव और मानवता को कच्चा चबा जाने वाला अगर शुद्ध शाकाहारी भोजन की आदत वाला प्राणी है तो उसे भी मांसाहारीयो मे क्यों नहीं गिनना चाहिए और अगर एक मांसाहारी व्यक्ति जिसका आचरण और व्यवहार स्नेहसिक्त है ... और जो हर वक़्त दूसरों की भलाई क़े लिए समर्पित है ऐसे व्यक्ति को शुद्ध शाकाहारियों की अग्रिम पंक्ति मे.. बैठने क़े लिए अधिकृत कर दिया जाय तो इसमें क्या बुराई है ©Parasram Arora # शाकाहरी बनाम मांसाहारी