मारो मारो कहै और सब उसे पीट रहे। कोन जाने किसका चुराया उसने धन हैं। बच्चे चोर बच्चे चोर जोर से चिल्लाते हुए ऐसे नोच रहे जैसे लाया कोई बम है। सभी है पुलिस यहां सभी जज वकील है कौन जाने कौन सी धाराओं में किया इसे बंद है।। मिल गया हक यहां सबको ही दरिंदगी का कौन जाने कानूनी किताबे कहां बंद है।। कहीं मोब लिंचिंग तो कहीं गैंगरेप है कहीं जात पात पर निकाल दिया दम है।। अरे कैसा यह भारत हुआ हे महान मेरा कैसे आए विकास के लिए अच्छे दिन है।। ,धर्मेन्द्र सिंह चोरड़िया