"छत भीग रही है तन्हा, तुम कहा हो" --- बारिश है, मौसम है, तुम कहा हो मौका है दस्तूर है तुम कहा हो छत भीग रही है तन्हा तुम कहा हो बहुत दिन हुए बेसन को भीगे हुए तेरे माथे से लिपटे हुए रसोई सुन रही है मौसम का शोर तन्हा तुम कहा हो ओलो की झडझड मौसम की रौनक छज्जा ताक रहा है तन्हा तुम कहा को छत भीग रही है तन्हा तुम कहा हो गिले शिकवे फिर कभी मुझसे मेरी शिकायते, फिर कभी ये झमाझम बारिश ये पानी की बौछारे मिलने को तुझसे लड़ रही है खिडकी से तन्हा तुम कहा को छत भीग रही है तन्हा तुम कहा हो रचना-पवन बारिश है मौसम है तुम कहा हो छत भीग रही है तन्हा तुम कहा हो #RDV19 #right2write #IITKIRDAAR #nojotonagda #whycensored #IITkavyanjali