White जीत पक्की है... कुछ करना हो तो डटकर चलो । दुनिया से थोड़ा हटकर चलो।। लक पर तो सभी चल लेते हैं। कभी इतिहास को पलट कर चलो ।। बिना काम के, मुकाम कैसा है ? बिना मेहनत के , दाम कैसा है ? जब तक न हासिल हो मंजिल तो राह में आराम कैसा है ? अर्जुन सा निशान रखों । मन में ना कोई बहाना रखों ।। जो लक्ष्य सामने है उसी पर अपना निशाना रखो। सोचो मत साकार करो। अपने कर्मों से तुम प्यार करो ।। मिलेगा तुम्हारी मेहनत का फल। किसी और का ना तुम इंतजार करो ।। जो चले थे अकेले उनके पीछे आज मेले हैं । जो करते रहे इंतजार उनकी जिंदगी में आज भी झमेले है। ह@₹ ©Hari Verma #Paris_Olympics_2024 प्रेरणादायी कविता हिंदी