बद से बदतर रिश्ते मरते मर जाए, पर चुकाई न किश्तें, मानते खुद को जैसे की फरिश्ते, धिक्कार है, कैसे खडे हो जाते हो दांत दिखाते हंसते #SadharanManushya #Family #Sadharanmanushya #dhokhebaz #haramkhor #Selfish_Being