राय अलग है मेरी इसमे मेरा तो कोई कुसूर नही तुम्हारे सपने हो मेरी ख्वाहिशे ये मुझे कुबूल नही इश्क में हर बात सही लगे मुझे तुम्हारी ऐसा कही जरूरी तो नही ये रिश्ता है हमारा इसे निभाना कोई मजबूरी तो नही । #ristaaa hai majboori nahi