हे भगवान कहाँ छी आहाँ मिथिला डुईब रहल अछि, आब सहल नैय जा रहल अछी, आहाँ जता हेब ओतें साँ करूँ ना विचार, अपन मिथिला कें करूँ ना बाढ़ साँ उबार, आबो सुईन लिया ना हमर पुकार क दिया ना आबो बाढ़ साँ उबाईर हे भगवान कहाँ छी आहाँ