वाह! ऐ मुक्कदर तूंने ये रंग दिखाया, कभी स्वाइनफ्लू तो कभी कोरोना पहुंचाया, कभी स्वाइनफ्लू तो कभी कोरोना पहुंचाया, वाह! ऐ मुक्कदर तूंने ये रंग दिखाया।।1।। ज़ीने की आस थी मगर बेहतर ना जी पाया, ज़ीने की आस थी मगर बेहतर ना जी पाया, वाह! ऐ मुक्कदर तूंने ये रंग दिखाया।।2।। वहां बच्चे बीवी रो रहे, यहां मुझे बेरहमी से तड़पाया, वहां बच्चे बीवी रो रहे, यहां मुझे बेरहमी से तड़पाया, वाह! ऐ मुक्कदर तूंने ये रंग दिखाया।।3।। ना कोई वेक्सीन न ही कोई इलाज बतलाया ना कोई वेक्सीन न ही कोई इलाज बतलाया वाह! ऐ मुक्कदर तूंने ये रंग दिखाया।।4।। यहां हम लांकडाउन में बंद वहां तूने उसे चरम पर लाया यहां हम लांकडाउन में बंद वहां तूने उसे चरम पर लाया वाह! ऐ मुक्कदर तूंने ये रंग दिखाया।। वाह! ऐ मुक्कदर तूंने ये रंग दिखाया।।।।।। वाह! ऐ मुक्कदर तूंने ये रंग दिखाया।।।।।। 🎈 राजेश अहिरवाल🎈 #Wish Regard to korona