बहुत देर तक समझाते हैं खुद को तब समझ आता है जिंदगी आसान हो सकती थी अगर ऐसा होता अगर वैसा होता ये कहा न होता वो सुना न होता कितना आसान होता अगर कोई सपना ही न होता न सपना होता न उन्हें पूरा करने के लिए भटकते न भटकते न ठोकरें मिलती न दर्द होता न आज ये कविता बनती *प्रीती गौतम* #कलम_से_प्रीति