हर तीस मील के बाद भाषा बदल जाती हैँ यहां अपनी बात लोगो को समझाये कैसे सब अपनी ही बात कहने को आमादा हैँ हम अपनी बात उनके बीच रखे कैसे उन्माद रहित प्रेम की सचाई क्या हैँ नेत्र ह्रदय कि भाषा का अनुवाद समझे कैसे ख्वाब देखने का कितना शौक हैँ हम सबका इन सपनो को साकार करे तो कैसे सपनो को साकार करे कैसे?