ख़ामोश हूं ख़ामोश ही रहने दो, कि बचा कोई अल्फाज़ नहीं है, जिसका होना है हो जाओ बेशक कि अब कोई ऐतराज़ नहीं है, गुरूर-ए-इश्क़ का सिला है ठोकर, कि तुम पर अब नाज़ नहीं है, हमराज़ थे जो सब बयां कर दिया, तबाह है गुलशन कि अब कोई राज़ नहीं है, निगाहें न जाने कहां थीं , जो टूटते तार न दिखे, अफसोस कि अब दूसरा कोई साज़ नहीं है, कसमें, वादे, मोहब्बत सब ज़रूरी है माना , मगर रिश्ते बेकार वो जहां दिलों में एजाज़ नहीं है... "मगर रिश्ते बेकार वो जहां दिलों में एजाज़ नहीं है"...#गुलशन #अल्फ़ाज़ #ख़ामोश #ऐतराज़ #राज़ # टूटते#तर #हमराज़ #निगाहें #एजाज़ "तबाह है गुलशन कि अब कोई राज़ नहीं है"(fvrt one)