ज़बान और घोड़े दोनों पर होगी लगाम तभी आयेगा जीत का पैगाम युद्ध और जीवन में होगा हमारा ही परचम हम होंगे हर कार्य में सक्षम ज़बान से निकले ऐसी बोली जैसे कानों में मिश्री घोली कोई बोले कड़वा तो बदले में बोले मीठे बोल तभी बनेगा मिठास का घोल अहंकार मिट जाएगा सच्चा इंसान बन जाएगा Yakshita Jain Research scholar, history Copyright ( 4 April 2020) # tongue & horse