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नशे में धुत घर का रास्ता गायब है, शायद आज सड़कों न

नशे में धुत घर का रास्ता गायब है,
शायद आज सड़कों ने भी चढ़ा लिया है,
दरवाजे को ये कोसते है को एक जगह कैसे रहे,
नशा शराब में नहीं बोतल में है ये कौन समझे।

चार ग्लास जाम का चढ़ते ही होश कहां रहता है,
इतने के बाद भी महारथी ही सीधा चलता है,
पर इसका अंजाम किसको पता चलता है,
बिन पानी की चलती नहीं दुनिया ये कौन समझे।

माना ये गम भुलाने की दवा है,
जिसका बिल ठेके पर लगा है,
साम्प्रदायिकता जाती सब एक ही मिले,
ये बिन रम के राम कैसे जपे ये कौन समझे। कौन समझे
दुख हमारे।
#कौनसमझे #collab #yqdidi  #yourquoteandmine
Collaborating with YourQuote Didi    #yqbhaskar
नशे में धुत घर का रास्ता गायब है,
शायद आज सड़कों ने भी चढ़ा लिया है,
दरवाजे को ये कोसते है को एक जगह कैसे रहे,
नशा शराब में नहीं बोतल में है ये कौन समझे।

चार ग्लास जाम का चढ़ते ही होश कहां रहता है,
इतने के बाद भी महारथी ही सीधा चलता है,
पर इसका अंजाम किसको पता चलता है,
बिन पानी की चलती नहीं दुनिया ये कौन समझे।

माना ये गम भुलाने की दवा है,
जिसका बिल ठेके पर लगा है,
साम्प्रदायिकता जाती सब एक ही मिले,
ये बिन रम के राम कैसे जपे ये कौन समझे। कौन समझे
दुख हमारे।
#कौनसमझे #collab #yqdidi  #yourquoteandmine
Collaborating with YourQuote Didi    #yqbhaskar
sbhaskar7100

S. Bhaskar

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