मेरे इश्क में ये बेपरवाही क्यूं है, मांगते मेरे ही इश्क़ की गवाही क्यूं है, दो कदम साथ चलने का वादा करोगे, फिर या तो मुझे जान लोगे या मेरी जान लोगे। मेरी मजबूरियों का टोकरा पहन कर, तुम हो गए दूर कुछ ज्यादा ठन कर, जैसे ही खुद को तुम मेरे करीब करोगे, फिर या तो मुझे जान लोगे या मेरी जान लोगे। छुपके निगाहों से मत गीराओं हम पे इनायते, दिल नासमझ बड़ा है आप इसे नहीं जानते, कुछ पल मेरे साथ जो तुम धैर्य धरोगे, फिर या तो मुझे जान लोगे या मेरी जान लोगे। मैं तुम्हारा ही अक्स बन के आइनों में नजर आता हूं, तुमसे अलग ना हो इसीलिए साया बन जाता हूं, कभी मेरे सोहबत में मेरे साथ तुम मेरे लिए चलोगे, फिर या तो मुझे जान लोगे या मेरी जान लोगे। एक ही बात के दो पहलू हो सकते हैं। एक लेखक से बेहतर और कौन इस को समझता है। आज का collab challenge भी कुछ ऐसा ही। जान लोगे - जान जाओगे जान लोगे - प्राण लोगे तो लिखिये आपने जैसा समझा और जैसा समझाना चाहते हैं।